झाबुआ जिले के थांदला गांव में विगत वर्ष एक महिला का क्षत-विक्षत शव नदी के पास मिला था, जिसकी पहचान ना होने पर भी पुलिस ने बिना शिनाख्त एवं बिना डीएनए टेस्ट के अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में पांच लोगों को आरोपी बनाया, जिन्हें बाद में जेल भी हो गई। एक साल बाद जिस युवती की हत्या के मामले में पांच आरोपी को जेल हुई थी, वह महिला जिंदा गांव वापस लौटी और बताया कि वह मजदूरी करने बाहर गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि पुलिस द्वारा अज्ञात शव का बिना डीएनए कराये ही कहानी गढ़ी गई थी। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक(ग्रामीण) से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
झाबुआ जिले के थांदला गांव में विगत वर्ष एक महिला का क्षत-विक्षत शव नदी के पास मिला था, जिसकी पहचान ना होने पर भी पुलिस ने बिना शिनाख्त एवं बिना डीएनए टेस्ट के अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में पांच लोगों को आरोपी बनाया, जिन्हें बाद में जेल भी हो गई। एक साल बाद जिस युवती की हत्या के मामले में पांच आरोपी को जेल हुई थी, वह महिला जिंदा गांव वापस लौटी और बताया कि वह मजदूरी करने बाहर गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि पुलिस द्वारा अज्ञात शव का बिना डीएनए कराये ही कहानी गढ़ी गई थी। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक(ग्रामीण) से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।